Gadwali Ayodhya-Kaand (अयोध्या-काण्ड)
Author: Devendra Prasad Chamoli
Description
अयोध्याकांड में श्रीराम वनगमन से लेकर श्रीराम-भरत मिलाप तक के घटनाक्रम आते हैं। नीचे अयोध्याकांड से जुड़े घटनाक्रमों की विषय सूची दी गई है।
राम राज्याभिषेक की तैयारी
कैकेयी-मन्थरा संवाद, प्रजा में खुशी
कैकेयी का कोपभवन में जाना
दशरथ-कैकेयी संवाद और दशरथ शोक
श्री राम-कैकेयी संवाद
श्री राम-दशरथ संवाद, अवधवासियों का विषाद
श्री राम-कौशल्या संवाद
श्री सीता-राम संवाद
श्री राम-कौसल्या-सीता संवाद
श्री राम-लक्ष्मण संवाद
श्री लक्ष्मण-सुमित्रा संवाद
श्री रामजी, लक्ष्मणजी, सीताजी का महाराज दशरथ के पास विदा माँगने जाना
श्री राम-सीता-लक्ष्मण का वन गमन और नगर निवासियों को सोए छोड़कर आगे बढ़ना
श्री राम का श्रृंगवेरपुर पहुँचना, निषाद के द्वारा सेवा
लक्ष्मण-निषाद संवाद, श्री राम-सीता से सुमन्त्र का संवाद, सुमंत्र का लौटना
केवट का प्रेम और गंगा पार जाना
प्रयाग पहुँचना, भरद्वाज संवाद, यमुनातीर निवासियों का प्रेम
वनवासियों का प्रेम
चित्रकूट में निवास, कोल-भीलों के द्वारा सेवा
सुमन्त्र का अयोध्या को लौटना और सर्वत्र शोक देखना
दशरथ-सुमन्त्र संवाद, दशरथ मरण
मुनि वशिष्ठ का भरतजी को बुलाने के लिए दूत भेजना
श्री भरत-शत्रुघ्न का आगमन और शोक
भरत-कौसल्या संवाद और दशरथजी की अन्त्येष्टि क्रिया
वशिष्ठ-भरत संवाद, श्री रामजी को लाने के लिए चित्रकूट जाने की तैयारी
अयोध्यावासियों सहित श्री भरत-शत्रुघ्न आदि का वनगमन
निषाद की शंका और सावधानी
भरत-निषाद मिलन और संवाद और भरतजी का तथा नगरवासियों का प्रेम
भरतजी का प्रयाग जाना और भरत-भरद्वाज संवाद
भरद्वाज द्वारा भरत का सत्कार
भरतजी चित्रकूट के मार्ग में
श्री सीताजी का स्वप्न, श्री रामजी को कोल-किरातों द्वारा भरतजी के आगमन की सूचना, रामजी का शोक, लक्ष्मणजी का क्रोध
श्री रामजी का लक्ष्मणजी को समझाना एवं भरतजी की महिमा कहना
भरतजी का चित्रकूट में पहुँचना, भरतादि सबका परस्पर मिलाप, पिता का शोक और श्राद्ध
वनवासियों द्वारा भरतजी की मंडली का सत्कार, कैकेयी का पश्चाताप
श्री राम-भरतादि का संवाद
जनकजी का पहुँचना, कोल किरातादि की भेंट, सबका परस्पर मिलाप
श्री राम-भरत संवाद
श्री राम-भरत-संवाद, पादुका प्रदान, भरतजी की बिदाई
भरतजी का अयोध्या लौटना, भरतजी द्वारा पादुका की स्थापना, नन्दिग्राम में निवास